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Tuesday, June 28, 2022

A love affair of a nation divided in two

सरहदों में आशिक़ी है ।

 कागज़ों में ज़िन्दगी है ।। 

सफर अधूरा रह गया क्यों । 

यारी हमारी टूट गयी क्यों ।। 


सपने तो हमारे एक से थे ।  

जश्न तो साथ मनाने थे ।।  

लकीरो ने कर दिया अलग सा ।  

खून से सनी एक दीवार सा ।।  


परिवार तो एक हमारा ।  

रिश्ते भी पुराना हमारा ।। 

नफरत का नाता कैसे ।  

चाकू बन्दुक ही कैसे ।।  


समय आगे ही बढ़ता जाये  ।

दूरियाँ भी बस बढ़ती जाये ।।   

नाता ना अब रहा कुछ । 

याद भी ना बची कुछ ।।  


देश अब बिखर गया ना । 

साथी भी अब बिछड़ा ना ।। 

वापिस लौटा दो वो लम्हे ।

प्यार से वो बीते जो लम्हे ।।


मजबूर है वो आम लोग ।

कश्मीर के जो है सब लोग ।।

बात है सबने समझने की ।

हम सब को है अपनाने की ।।  


नफरत की हो जंग ख़तम ।

जज़्बाती हर एहसास ख़तम ।। 

कर ले आज हम फैसला ।

दुरी को मिटने का फैसला।।  


फिर से साथ रहेंगे सब । 

ऐतबार करेंगे हम सब ।।

देश हमारा फिर एक होगा ।

मुश्किल में साथ हमारा होगा ।।